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Showing posts from April 23, 2023

दुर्दांत अपराधी और भाजपा नेताओं के रिश्ते, #वरिष्ठ पत्रकार कृष्णा पंडित

वरिष्ठ पत्रकार कृष्णा पंडित की कलम से समय और सता की देन अतीक अहमद की कब्र,नहीं तो कई सफेद पोश के गुमनाम रिश्ते आज भी गुनाहों के साथी सामाजिक पटल पर सच का चेहरा जब अपनी दस्तक देता है तो ना जाने कितने नकाबपोश जिनकी बदले चेहरे कुरूप नजर आते हैं.. गुनाहों की जंजीर से गुनाहों की रिश्ते बड़ी अजीब हैं कुछ सफेद कपड़े पहनकर समय के साथ बदल गए तो कुछ दफना दिए गए लेकिन आज जो अपनी साख और शेखी बघार रहे हैं उनको भी अपने पूर्व के दिन और करतूत याद कर लेनी चाहिए ..! साल था 2016, स्थान था इलाहाबाद। भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद केशव प्रसाद मौर्य पहली बार इलाहाबाद आए थे। जैसे ही शहर उत्तरी से उनका काफिला गुजरा, अप्रैल की दोपहरी में खड़ी भीड़ ने जोर-जोर से नारा लगाना शुरू कर दिया- 'ये केशव नहीं कसाई है, अतीक का सगा भाई है' ये वो भीड़ थी, जो अतीक और केशव के आतंक से त्रस्त थी इलाहाबाद के आस-पास वाले सभी ये जानते हैं कि केशव और अतीक के आज भी कई कारोबार साझे में चल रहे हैँ। दोनों के स्लाटर हाउस वाले धंधे के बारे में हर इलाहाबादी जानता है। ऐसे ही प्लाटिंग, रेत और ठेकेदारी में अतीक के ब

वन माफ़िया व कछवां रोड पुलिस की मिलीभगत से काटे जा रहे हैं हरे पेड़

वन माफ़िया व कछवां रोड पुलिस की मिलीभगत से काटे जा रहे हैं हरे पेड़  वाराणसी:मिर्जामुराद थाना, कछवा रोड़ चौकी अंतरगत ग्राम गुड़िया देवीय आपदाओं से बचाने के लिए वनों का संरक्षण तथा पेड़ -पौधे लगाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है लेकिन पेड़ों की कटाई को रोकना बड़ा मुश्किल है क्षेत्र की कछवा रोड़ चौकी पुलिस के संरक्षण से हरे पेड़ों की कटाई का क्रम जारी है ट्रैक्टर ट्राली पर लादकर लकड़ी को आरा मशीन पर पहुंचाया जा रहा है ऐसा नहीं है पुलिस विभाग अनजान है आरोप है कि लकड़ी माफिया पुलिस एवं विभागीय कर्मचारी मिलजुल कर हरे पेड़ की कटाई के खेल में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं अगर यही हालत रही तो वाराणसी के मिर्जामुराद क्षेत्र में जिस तरह पेड़ों की कटाई हो रही है पूरे जिले से पेड़ खाली हो जाएंगे पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए पेड़ पौधों का होना आवश्यक है इसके लिए सरकार द्वारा बड़े-बड़े स्लोगन लिखवाये जाते हैं प्रचार -प्रसार किया जाता है पौधे लगाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं पर सच यह है कि पेड़ तो खूब लगते हैं पर वह देखरेख के अभाव में सूख जाते हैं वही पेड़ों क

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