अवैध पेड़ काटने को नहीं लेनी होगी अनुमति(मिर्जामुराद) चंद पैसों में होगा नाक के नीचे काम,जीवनदायनी पेड़ो का संरक्षण महज एक दिखावा।
बीते दिनों में कई बार मिर्जामुराद थाना क्षेत्र अंतर्गत पेड़ की अवैध व अनियंत्रित कटाई का मामला सामने आया है। जिसमे प्रशासन के अधिकारियों का पर्यावरण को छोड़ अपनी जेब गरम करने का और पर्यावरण के प्रति लापरवाह या मिला जुला होने के आसार पाए गए है।बिना अनुमति के वृक्षों की 29 प्रजातियों {आम (देशी, तुकमी, कलमी), नीम, साल, महुआ, बीजा साल, पीपल, बरगद, गूलर, पाकड़, अर्जुन, पलाश, बेल, चिरौंजी, खिरनी, कैथा, इमली, जामुन, असना, कुसुम, रीठा, भिलावा, तून, सलई, हल्दू, बाकली/करधई, धौ, खैर, शीशम और सागौन} का योगी सरकार ने सख्त कानून बना कटाई का निषेध किया है जबकि कटाई के लिए सरकार की,बहुत विशेष परिस्थितियों में गाइडलाइन निर्धारित है। जिसका की बीते शनिवार वाराणसी के मिर्जामुराद थाना क्षेत्र में धड़ल्ले से मजाक उड़ाया गया।जहा योगी सरकार का आदेश है की एक हरा पेड़ कटने पर 10 पेड़ लगाने होंगे और उसे वृक्ष का आकार लेने तक संरक्षित करना होगा या पेड़ कटाई कर्ता के द्वारा एक पेड़ के बदले 10 पेड़ न लगा पाने के स्थिति में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम तहत वनविभाग को धनराशि जमा करेगा...