पंचतंत्र में उल्लिखित है -- "उद्योगिनं पुरुषसिंहमुपैति लक्ष्मीः दैवं दैवमिति कापुरुषाः वदन्ति। दैवं निहत्य कुरु पौरुषमात्मशक्त्या, यत्ने कृते यदि न सिद्ध्यति कोऽत्रदोषः।।" अर्थात्- _"उद्योगी व्यक्ति को ही लक्ष्मी प्राप्त होती है। भाग्य से मिलता है, ऐसा तो कायर लोग कहते हैं। अतः भाग्य का भरोसा छोड़कर आत्मशक्ति से पुरुषार्थ करो। प्रयास करने पर भी यदि सफलता नहीं मिलती है, तो यह देखो कि कार्य में क्या त्रुटि रह गई है।"_ उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में उद्यमों के विकास के लिए ऐसा इकोसिस्टम तैयार किया है जिसमें कौशल को यथा स्थान पूंजी और पूंजी को यथा स्थान कौशल उपलब्ध हो सके। शायद इसीलिए इन्वेस्टर्स समिट के कार्यक्रमों का तादात्म्य विश्वविद्यालयों से स्थापित किया जा रहा है, ताकि युवाओं में उद्यमी बनने की इच्छा शक्ति पैदा हो सके और पूंजी निवेशकों को उद्यम के लिए आवश्यक युवा उर्जा प्राप्त हो सके। आपने बेहतरीन तरीके से यह बात समझाई है। आज पारंपरिक उच्च शिक्षा से इतर कौशल केंद्रित प्रशिक्षण कार्यक्रमों को अपेक्षाकृत कम सम्मान मिलता है। मेरा मानना है कि इस तरह के...
हम वाराणसी और पूर्वांचल के घटना का सबसे तेज़ और सबसे सटीक विश्लेषण करते है,