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बजट पर विमर्श : By Dr. Pramod Srivastava

वर्तमान बजट में गांव किसान और मध्यम वर्ग पर ज्यादा जोर दिया गया है। गांव का विकास होने से ही राष्ट्र का विकास संभव है क्योंकि भारत की ज्यादातर जनसंख्या गांव में ही निवास करती है। सहायता समूह के जरिए उत्पादकता से महिलाओं को जोड़ने की कोशिश की गई है। 


कौशल विकास की गति को बढ़ावा देने के साथ विश्वकर्मा समाज को नई तकनीक के माध्यम से बढ़ावा देने के बात की गई है। कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों का प्रयोग करते हुए इस क्षेत्र को नए युग में प्रवेश कराने की तैयारी की गई है। प्राकृतिक कृषि पर बल दिया गया है। देशभर में मेट्रो परियोजना के लिए 19518 करोड़ की व्यवस्था की गई है। 

विगत वर्षों से सरकार की पहली प्राथमिकता समावेशी विकास ही है। सरकार सबका साथ, सबका प्रयास, सबका विकास की अवधारणा पर काम कर रही है। सरकार ने पशुपालन मत्स्य पालन तथा डेरी पर फोकस रखते हुए कृषि कर्ज का दायरा बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपए कर दिया है। सरकार द्वारा प्रेषित इस बजट में शिक्षा स्वास्थ्य और कौशल विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं जैसे कि 157 नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जायेंगे। शोध व नवाचार को बढ़ावा दिया जायेगा। शिक्षकों को परीक्षण दिया जायेगा। जनजाति क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जायेगी।  

इंफ्रा्ट्रक्चर परियोजना में 33% की बढ़ोतरी कर 10 लाख करोड़ रुपया आवंटन कि या गया है, सरकार का यह कदम रोजगार सृजन व निजी व निजी निविशों को साधने में सहायक होगा। इस बजट में 50 वर्षो के लिए 13 लाख करोड़ रुपया का ब्याज मुक्त कर्ज की पेशकश की गई। इससे स्पष्ट होता है की सरकार अकेले 25 वर्षो में देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए पुरी तरह कटिबद्ध है ।


By Dr. Pramod Kumar Srivastava 
          Asst. Professor of Economics 
           Jagatpur PG College (Jagatpur) Varanasi 

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