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अवैध पेड़ काटने को नहीं लेनी होगी अनुमति(मिर्जामुराद) चंद पैसों में होगा नाक के नीचे काम,जीवनदायनी पेड़ो का संरक्षण महज एक दिखावा।

बीते दिनों में कई बार मिर्जामुराद थाना क्षेत्र अंतर्गत पेड़ की अवैध व अनियंत्रित कटाई का मामला सामने आया है। जिसमे प्रशासन के अधिकारियों का पर्यावरण को छोड़ अपनी जेब गरम करने का और पर्यावरण के प्रति लापरवाह या मिला जुला होने के आसार पाए गए है।बिना अनुमति के वृक्षों की 29 प्रजातियों {आम (देशी, तुकमी, कलमी), नीम, साल, महुआ, बीजा साल, पीपल, बरगद, गूलर, पाकड़, अर्जुन, पलाश, बेल, चिरौंजी, खिरनी, कैथा, इमली, जामुन, असना, कुसुम, रीठा, भिलावा, तून, सलई, हल्दू, बाकली/करधई, धौ, खैर, शीशम और सागौन} का योगी सरकार ने सख्त कानून बना कटाई का निषेध किया है
जबकि कटाई के लिए सरकार की,बहुत विशेष परिस्थितियों में गाइडलाइन निर्धारित है। जिसका की बीते शनिवार वाराणसी के मिर्जामुराद थाना क्षेत्र में धड़ल्ले से मजाक उड़ाया गया।जहा योगी सरकार का आदेश है की एक हरा पेड़ कटने पर 10 पेड़ लगाने होंगे और उसे वृक्ष का आकार लेने तक संरक्षित करना होगा या पेड़ कटाई कर्ता के द्वारा एक पेड़ के बदले 10 पेड़ न लगा पाने के स्थिति में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम तहत वनविभाग को धनराशि जमा करेगा जिस रकम से वनविभाग पौधे लगा उनकी संरक्षण करेगा और यह प्रतिबंध 31 दिसंबर 2025 तक लागू रहेगा। जीव,जंतु, मनुष्य के लिए यदि पेड़ कम होंगे तो सभी का जीना मुश्किल होगा,सभी को सांस लेने में परेशानी होगी,तरह तरह की बीमारियां होंगी।
जैसे ठंड के समय बड़े शहरों में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लोग मास्क पहनकर निकलते हैं। यदि वाराणसी पुलिस बिना किसी नियम कानून के पेड़ों की अवैध कटाई की किसी प्रकार अनुमति देती है तो भविष्य में लोगों को परेशानियों का सामना करना होगा और आज भी लोग कर रहे है जैसे कोरोना काल में ऑक्सीजन न मिलने से कितनो की जान गई।पर्यावरण संरक्षण अधिनियम की उड़ती धजिया, थाना मिर्जामुराद,वाराणसी में सरकार की पर्यावरण को लेकर उठाए सकारात्मक कदम यहां फेल होते नजर आ रहे है। यहां मिर्जामुराद थाना क्षेत्र में चंद पैसों की लालच में थाना प्रभारी एस बी सिंह ने डेढ़ दर्जन के ऊपर जिंदा हरे पेड़ कटवा डाले और निरंतर लकड़ी माफिया को बढ़ावा दे हरे पेड़ों की अवैध कटाई की अनुमति दी जा रही है।आस पास के ग्रामीण लोगो का कहना था की सरकार इतना पैसा पेड़ पे खर्च कर रही है हम ग्रामीणों को प्रधान के द्वारा पूरे गांव में विभिन्न पौधे मुफ्त में बाट कर सरकार लगवा रही है उसका क्या फायदा जब सरकारी बड़े अफसर व स्थानीय क्षेत्र पुलिस पैसों के चक्कर में आए दिन हरे भरे पेड़ कटवा डाले,गांव के वरिष्ठ नागरिकों ने इसका खेद जताया व अक्रोशित है। वही स्थानीय पुलिस से पूछे जाने पर किसी ने कहा कि प्रभारी चौकी ने कटवाया तो किसने कहा थाना प्रभारी ने कटवाया,इसी प्रकार हिला हवाली करते दिखे। जिससे पर्यावरण तो खतरे में है ही, साथ में जलवायु भी प्रभावित होगी।पेड़ अपनी जड़ों में पानी को अवशोषित कर उसके बड़े हिस्से को बनाए रखता है जिससे भूजल स्तर बना रहता है।अवैध व अनियंत्रित पेड़ों की कटाई से प्रदेश में जलाशय, तालाबों और भूजल का स्तर बुरी तरह से प्रभावित होगा।जिससे सभी प्राणियों को बड़ी छती होगी।




  
ब्यूरो वाराणसी

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