भ्रष्टाचार की भेट चढ़ती इलेक्ट्रिक बस सेवा -- परिचालक द्वारा टिकट में किया जाता है भ्रष्टाचार : Special Report, Team DNN
मिर्ज़ामुराद। जनपद में उत्कृष्ट सेवा देने हेतु व स्मार्ट सिटी वाराणसी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए नगर विकास विभाग उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक बस के सेवाओं का शुरुआत किया गया है। लेकिन आए दिन बस के परिचालक टिकट मे भ्रष्टाचार करते रहते हैं कोई इन पर लगाम लगाने वाला है ही नहीं। 10,20 रूपए कर के हजारों की चपत सरकारी खजाने पर रोजाना लगाते है। हालात ये है कि यदि एक जगह से दूसरी जगह का किराया 20 रुपय है तो 15 रूपए मे भी बिना टिकट दिए परिचालक यात्रा करवाते है। मंगलवार को मिर्जामुराद से बाबतपुर जाने वाली बस संख्या यूपी 65 केटी 5041 के परिचालक ने कई छोटी दूरियों के यात्रियों से पैसे तो लिया लेकिन बदले में कोई टिकट काटकर नहीं दिया। इससे यह साफ जाहिर है कि उतना पैसा जेब मे रख भ्रष्टाचार किया गया। इस विषय पर दो बातें प्रमुख रूप से सामने आती है। पहला यह तो कि निजी लाभ के लिए परिचालक टिकट नहीं देते, दूसरा कुछ यात्रीगण भी चंद पैसे बचाने के चक्कर में कम पैसे देकर बिना टिकट के यात्रा करना पसंद करते हैं। आंकड़ा देखा जाए तो यदि एक यात्री से परिचालक बिना टिकट दिए ₹15 वसूल ता है तो एक दिन मे अगर वो ऐसा 20 यात्रियों के साथ करे तो 300 रुपय वह आसानी से एकत्र कर लेगा जिसका कोई भी लेखा जोखा नहीं रहेगा। इसी आंकड़े को यदि एक साल मे जोड़ा जाए तो लाखों के पार होगा । मंगलवार के दिन ही गाड़ी संख्या यूपी 32 पी एन 8723 के परिचालक ने भी कैंट से मिर्जामुराद आते समय छोटी रकम में बड़ी धांधली की, कई छोटी दूरी तय करने वाले यात्रियों से पैसे तो लिया लेकिन टिकट नहीं दिया। ऐसे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए जिला स्तर के सम्बंधित अधिकारियों को तत्परता दिखाते हुए कठोर से कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।
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