मिर्ज़ामुराद। थाने परिसर मे में आगामी त्योहार दुर्गापूजा दशहरा रामलीला को लेकर गुरुवार की शाम क्षेत्राधिकारी बड़ागांव व थाना प्रभारी राजीव सिंह की अध्यक्षता मे शांति समिति की बैठक संपंन्न हुई । बैठक मे आगामी त्योहार को शांति व सौहार्द पूर्वक मनाने की अपील किया गया। क्षेत्राधिकारी बड़ागांव ने कहा त्योहार के दौरान माहौल बिगाडने वालो को बख्शा नहीं जायेगा आयोजको को इस बात का ध्यान रखना होगा जिलाप्रशासन भी इसपर नजर बनाये हुए है। सभी आयोजको को दस वालंटियर की नियुक्ति कर निगरानी रखने का आदेश दिया सभी का नाम, मोबाइल नंबर फोटो सहित थाने मे देने को कहा। रामलीला व प्रतिमा जिस जगह स्थापित हो पंडालों मे पानी व बालू रखने का निर्देश दिया । साथ मे कहा कि पंडाल व स्टेज के पीछे पर्याप्त रोशनी होना अनिवार्य होगा। तय रुट अनुसार ही प्रतिमाओं का विसर्जन होगा, विसर्जन के दौरान किसी प्रकार का हंगामा ना होने पाए, डीजे मानक के अनुसार ही बजाए, फुहड गाने बजने पर आयोजको पर कार्वाई होगी। त्योहार के आरम्भ से लेकर समापन तक किसी भी प्रकार से अगर कोई त्योहार में खलल उत्पन्न करेगा चाहो वह कोई भी हो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही होगी। नये स्थानो पर प्रतिमाओं को स्थापित नहीं करना है जहां आयोजन होता आ रहा सिर्फ वहीं इसका आयोजन होगा अन्य किसी को अनुमति नहीं मिलेगी।थानाध्यक्ष ने कहां सभी आयोजनकर्ता दस वालंटियर्स नियुक्त कर नाम पता नंबर फोटो सहित हमे सुचित करेंगे। प्रतिमा विसर्जन के दौरान डीजे पर फुहड गाने व नशे का सेवन करने वाले इसमे शामिल न हो नहीं तो आयोजनकर्ताओं पर विवाद की स्थिति मे कार्वाई होगी । बैठक के दौरान शिव शक्ति युवा क्लब दुर्गा पूजा समिति के प्रमुख संतोष त्रिपाठी उर्फ़ पप्पू, राजेश सिंह, सतीश पटेल, संजय कुमार पटेल, अजीत कुमार सिंह, शकील अहमद सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
आज भारत में बदलते समय के साथ हमारा आहार भी बदल रहा है। बाज़ार में कई प्रकार के व्यंजन एवं पेय पदार्थ हमें अपनी ओर आकर्षित करते हैं। चाहे बच्चे हो, युवा हो या वयस्क सब लोग भिन्न भिन्न प्रकार के व्यंजन का लुत्फ़ उठा रहे है पर सिर्फ़, जीभ के चलते हम अपने शरीर को अंदर से कितना खोखला कर रहे है। यह एक चिंतनीय विषय है। अगर वर्तमान समय में देखा जाये तो हमारे आस पास में अब पहले के तुलना में कई अधिक फ़ास्ट फ़ूड विक्रेता, फ़ूड स्टाल और रेस्तराँ खुल चुके है जहां हमें इटालियन से चाइनीज़ और मेक्सिकन से लेकर यूरोपियन ख़ान पान बहुत आराम से उपलब्ध हो जाता है और इन जगहों पर भीड़ हमे यह दर्शाता है की वाक़ई में अब हमारी ख़रीदने की क्षमता बहुत बढ़ चुकी हैं। बड़ी बड़ी पाश्चात्य कंपनियों का छोटे क़स्बो तक आउटलेट खुलना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। व्यापार के क्षेत्र में यह एक प्रशंसनीय पहल है पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह चिंतनीय है। आज आमजनों को कार्बोहाइड्रेट, मिनरल्स, फैट की जानकारी, या बिलकुल नहीं है या बहुत कम है, पर हमारे शरीर को इसकी जानकारी भरपूर है और अपने पाचनतंत्र के लिए वो इनकी भूमिका भी...
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