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नाग सबके लिए काल है लेकिन रतन के लिए मित्र : दैनिक दर्पण Special (Varanasi )

नागपंचमी पर विशेष  

ये युवक पलक झपकते ही साँपो को एक छड़ी के सहारे पकड़ लेता है-

वाराणसी| नागपंचमी सनातन धर्म मे एक विशेष पर्व माना जाता है, भारत मे हिन्दू लोग इस पर्व को बहुत ही विधिविधान से नागों को दुध लावा चढ़ा कर पूजा करते है। लेकिन साँप एक ऐसा जीव है अगर यह किसी आबादी वाले या घरों में दिख जाए तो लोग डर कर भयभीत हो जाते है। और मारने के लिए दौड़ाते हैं लेकिन एक शख्स ऐसा भी हैं जो सांपों को मित्र मानता हैं इनको लोग रतन कोबरा के नाम से भी जानते है। क्षेत्र के गौर गांव निवासी रतन कुमार गुप्ता सांपों को पलक झपकते ही एक छड़ी के सहारे आसानी से पकड़ लेते हैं और रतन अपने दुकान पर बने शीशा के केबिन में सांप को रख उसको फिर दूर दराज के जंगलों में छोड़ देते है इनका यह काम देख लोगो मे चर्चा का विषय बना रहता है।

सूचना मिलने पर साँपो को पकड़ना-

रतन को सूचना मिलता हूं तो वह तुरंत पहुच कर अपने छड़ी के सहारे साँपो को पकड़ते है इनके यह नेक काम को जनता सराहना करती है।

पकड़े हुए साँपो को जंगलों में छोड़ना - 

पकड़े हुए साँपो को रतन वीरान जंगलों में छोड़ आते है जिससे साँपो का जीवन भी बच जाता है और लोग भय मुक्त हो जाते है।

इनके इस नेक काम की प्रसंसा बहुत दूर दूर दूसरे जिले के लोग भी करते है। यह नेक काम वाराणसी जिले के लिए सच में गर्व की बात है। रतन कहते है कि लगभग 20 साल से साँपो को पकड़ते आये है अब तक 18000 से ज्यादा साँपो को पकड़ जंगलों में छोड़ उनके जीवन को बचाये है इस वजह से इस शख्स को रतन कोबरा के नाम पड़ा और ये इसी नाम से चर्चित है। क्षेत्रीय लोग कहते है कि इनका ये नेक काम काफी सराहनीय है।



 (रिपोर्ट: दीपक गुप्ता )

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