मिर्ज़ामुराद। थाना मिर्जामुराद क्षेत्र के बंगला चट्टी,राधा कृष्ण मंदिर निकट कुछ पुलिस कर्मियों की दिखी दबंगई। गुरुवार की दोपहर के.आई.टी में सीयूईटी परीक्षा स्थगित होने के बाद परीक्षा से लौट रहे दो बच्चे (भाई और बहन) को पुलिस ने रोक लिया तथा उनका मोबाइल हाथ से ले लिया। बच्चों के परिजन का कहना था कि बच्चे परीक्षा न होने से घर वापस लौट रहे थे कि उनकी बाइक बांस के बैरिकेड से छू गई। इतने पर वहां पर तैनात पुलिस वालों ने बच्चों को रोक गाड़ी की चाभी निकाल ली और मोबाइल भी छीन लिया और बच्चो को डराने लगे। बच्चों के चाचा का कहना था कि पुलिस ड्यूटी कम धौंस ज्यादा देती है इन्हे वेल मेंटेन होकर ड्यूटी करना नहीं आता ये बस इस चक्कर में रहते है की कहा से कोई फस जाए इनके चाय पानी का जुगाड हो जाए। वहीं मौके पर पुलिस बिना टोपी व बिना नेम प्लेट के वर्दी को पहनकर ड्यूटी करती दिखी जबकि हर थाने में सीसे के लिए सरकार ने अलग से खर्च कर रखा है ताकि पुलिस की वर्दी मेंटेन रहे,विभाग के बड़े अधिकारी इन्हे दिख जाए,तो सब सही हो जाता है इनका और जनता के सामने इनकी शर्ट की दो बटन तक खुल जाती है। बताते चलें कि राष्ट्रीय राज्य मार्ग 19 के उत्तर पटरी को पूरी तरह से कांवरियों के लिए संरक्षित कर दिया गया है। लेकिन देखा जाए तो हर मिनट के आधे हिस्से में एक बिना कांवरिया की मोटरसाइकिल उसी संरक्षित रोड पर से जा रही होती है।बीते कुछ ही दिन पहले इसी राज्य मार्ग पर कांवरियो के साथ दर्दनाक हादसा हुआ था जिससे पुलिस के कार्यशैली पर भी सवाल उठ जाते है। बच्चों के चाचा ने यह भी सवाल उठाया कि किस आधार पर बच्चों से उनकी मोबाइल को छीना गया और उनकी गाड़ी की चाभी जबरन निकाल ली गई।सविधान,आईपीसी,सीआरपीसी,पुलिस रेगुलेटिंग एक्ट या किसी अन्य अधिनियम के किस धारा में यह उल्लेखित किया गया है की पुलिस को यह अधिकार प्रदान किया गया है की किसी का भी मोबाइल या गाड़ी की चाभी बिना किसी अपराध या वजह के पुलिस छीन सकती है।
~ब्यूरो वाराणसी
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