मिर्जामुराद, वाराणसी :
कल्लीपुर स्थित आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, में बुधवार को कल्लीपुर गांव में महिलाओं को अपने स्वास्थ्य से संबंधित मूलत: एनीमिया के बारे में जागरूकता कार्यक्रम के तहत हीमोग्लोबिन की जांच करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमे लगभग 35 महिला एवं युवतियाँ ने भाग लिया।
केंद्र द्वारा बाह्य प्रशिक्षण के अंतर्गत आज केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवम अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र रघुबंशी के दिशा निर्देशन में गृह वैज्ञानिक डॉ. प्रतिक्षा सिंह ने 30 किशोरियों एवं महिलाओं के खून का नमूना एकत्र करवाया एवं जाँच के लिए सूर्यांश हॉस्पिटल, कल्लीपुर को दिया गया। यह कार्यक्रम कल्लीपुर गांव के प्राथमिक पाठशाला में पाठशाला की किशोरियों और गांव की कुछ महिलाओं (14 से 35 वर्ष) के साथ किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किशोरियों व महिलाओं में हो रही खून की कमी से होने वाली बीमारियों के बचाव करना है । सूर्यांश हॉस्पिटल के डॉक्टर ने बताया की जांच का परिणाम 2 दिनों में बता दिया जायेगा। तदोपरांत इन महिलाओं में जिनका हीमोग्लोबिन सबसे कम होगा उनमें से 9 महिलाओं का चयन नमूनों के रूप में किया जाएगा । चयनित नमूनों को सहजन के पत्तो द्वारा उपचार किया जाएगा ।
प्रशिक्षण में डॉ नरेंद्र रघुवंशी ने किशोरियों व महिलाओ को अच्छे और पौष्टिक खाने की महत्ता के बारे में बताया और कहा की विटमिन ए और विटामिन सी लौह तत्वों की पूर्ति में बहुत ही सहायक है। इसके लिए हरी पत्तेदार सब्जियों अपने भोजन में शामिल करना जरूरी है।डॉ प्रतिक्षा सिंह ने बताया कि सहजन का फल, फूल और पत्ते सभी कुछ पौष्टिक तत्वों से भरपूर है। इसको खाने से कैल्शियम और लौह तत्वों की पूर्ति की जा सकती है। फल और फूल की आपूर्ति तो वर्ष भर नही की जा सकती परंतु पत्तों की उपलब्धता वर्ष पर्यन्त बनी रहती है। इसलिए इसके पत्तो का उपयोग कर स्वास्थ्य लाभ लिया जा सकता है।
डॉ श्रीप्रकाश ने भी किशोरियों को सहजन के लाभ बताकर उनके प्रोत्साहित किया कि वे अपने खून की जांच कराकर अपने भोजन में उसी हिसाब से पौष्टिक तत्वों का उपयोग कर सकती हैं।
Comments
Post a Comment