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के वी के पर किसानों के सफलता का सजीव प्रसारण


मिर्ज़ामुराद। क्षेत्र के कल्लीपुर ग्राम स्थित आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, में भारतीय क़ृषि अनुसंधान परिषद के 94 वें स्थापना दिवस के अवसर पर आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 75 हजार किसानों की सफलता की कहानी का सजीव प्रसारण केन्द्र पर किया गया और पांच दिवसीय व्यावसायिक प्रशिक्षण जिसका विषय "कटाई उपरांत फल व सब्जियों का प्रबंधन" संपन्न किया गया। इस कार्यक्रम में जनपद के विभिन्न  गांव जैसे कि परमंदापुर, कल्लीपुर, इंदरपुरी आदि के लगभग 20 प्रशिक्षणार्थी ने भाग लिया। कार्यक्रम में गृह वैज्ञानिक डॉ प्रतिक्षा सिंह के द्वारा विभिन्न जैम, स्क्वैश, अचार आदि बनवाया गया। 
कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्र के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र रघुवंशी ने की । उन्होंने फलों व सब्जियों की उपयोगिता बताया और कहा की कटाई उपरांत प्रबंधन से सब्जियों व सब्जियों को मौसम न होने पर भी उपलब्धता बनाई जा सकती है। मौसमी फल की पोष्टिकता को बिना मौसम के पाना भी आसान है अगर कटाई उपरांत प्रबंधन को अपनाया जाए। इसके लिए किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र पर प्रसिक्षणक की सुविधा उपलब्ध है। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय जनता  पार्टी  काशी क्षेत्र के मंत्री  श्री राजेश राजभर  जी रहे। उन्होंने किसानों को आचार बनाकर इसे व्यवसाय के रूप में स्थापित करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि घर का बना सामान हमेशा ही अच्छा होता है, शुद्ध होता है और लागत भी कम आती है। यदि एक महिला आचार, जैम, स्क्वैश बनाना सीख जाती है तो वो घर के बच्चों को शुद्ध भोजन से सकेगी क्योंकि बच्चे बाहर का बना सामान खाने की जिद करते है । उन्होंने कहा कटाई उपरांत फलों व सब्जियों का प्रबंधन करने का एक तरीका चिप्स बनाना भी है। इस से अच्छा व्यवसाय कर सकता है। 
कार्यक्रम के दौरान डॉ प्रतीक्षा सिंह ने फलों व सब्जियों को संरक्षित करने की तकनीकी जैसे फलों व सब्जियों को सुखा कर रखना, पत्तेदार सब्जियों का पाउडर बना कर रखना, आचार बनाना, सॉस बनाना आदि। मूल्य संवर्धन पर जोर देते हुए डॉ प्रतिक्षा ने बताया कि रेडी टू कुक सामान बाजार में आने लगे है व लोग इसे खरीदना भी पसंद करते है, मसाला को पीस कर बेचना भी अच्छा व्यवसाय हो सकता है। इसलिए किसान मूल्य संवर्धन द्वारा भी आय कर सकते है । 
केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक ड़ॉ. नवीन कुमार सिंह ने किसानो को बताया कि फलों कि तुड़ाई एवं सब्जियों की कटाई के उपरांत जो उपज है उसका का भंडारण करने एवं उचित मूल्यों पर बाजार में बिक्री करने, कम सें कम बर्बादी हो, और प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन में वृद्धि करने में किसान सामर्थ हो सकेंगे। इस पूरे कार्यक्रम का संचालन केंद्र के कृषि प्रसार वैज्ञानिक डॉ. राहुल कुमार सिंह ने किया । इस अवसर पर केंद्र के बीज तकनीक वैज्ञानिक श्रीप्रकाश सिंह, उद्यान वैज्ञानिक डॉ. मनीष पाण्डेय, सस्य बैज्ञानिक ड़ॉ अमितेश कुमार सिंह  इत्यादि उपस्थित रहे।

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