कछवारोड़,वाराणसी। बीते काफी समय से पेड़ कटाई का मामला थाना क्षेत्र मिर्जामुराद अंतर्गत चल रहा है। चंद पैसे के ठेकेदारों द्वारा लगातार बार बार कही न कही पेड़ कटाई के मामले सामने आते रहते हैं,कठोर दण्ड न होने के कारण 200-500 रुपए के लिए लोग यह घृणित कार्य करते हैं,ये आस पास के ठेकेदार सांठ गांठ कर पेड़ कटवाने का काम करते है। बीते शुक्रवार भी ग्राम पूरे में आम के वृक्ष को काटा जा रहा था जहा मौके पे लकड़ी व्यापारी से पूछे जाने पर पेड़ कटाई के आदेश की कोई अनुमति नही होने का पता लगा,पुलिस को सूचना होते ही आनन फानन में व्यापारी और लकड़हारे भाग निकले,जाते जाते लकड़हारे ने बताया की साहब लोकल के एक पेपर हाकर से बात हो गई है,जिसका तात्पर्य यह था की वहा काम सेटिंग से हो रहा था, की व्यापारी तुम पेड़ कटवाओ हम पुलिस और वन विभाग को देखलेेंगे,ऐसा इन तुच्छ मानसिकता वाले लोगो का सोचना इसलिए है क्यू की इनके हौसले बुलंद हो चुके है क्षेत्र में अवैध कार्य का ठेका लेते लेते,मजे की बात तो यह कि पेड़ो की रखवाली के लिए वन रक्षक,वन दरोगा के साथ ही अन्य कर्मचारी तैनात हैं बावजूद इसके क्षेत्र से प्रतिदिन हरे पेड़ धड़ल्ले से काटे जा रहे है। अवैध पेड़ो के कटाई से न सिर्फ प्राकृतिक संपदा की छति हो रही है। बल्कि क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन की वजह से बरसात में भी तेजी से गिरावट आ रही है। कोरोना महामारी के इस दौर में आक्सीजन की कमी से लोगों को दम तोड़ते हुए भी देखा जा रहा है। लेकिन वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी लापरवाह बने हुए हैं। सूत्रों की मानें तो पेड़ों की कटाई होते समय ही वनकर्मियों को खबर रहती है लेकिन मौके पर कोई वनकर्मी नहीं पहुंचता। जिसकी वजह से अवैध कटान में लगे लोगों के हौसलें बढ़े रहते हैं। समय रहते पेड़ों की कटान पर अंकुश नहीं लगाया गया तो आने वाले दिनों में क्षेत्र से पेड़ो का आस्तीत्व खत्म होने से इनकार नहीं किया जा सकता।पुलिस द्वारा जब तक कोई कठोर दंडात्मक कार्यवाही नही की जाएगी तब तक इन कटाई ठेकेदारों के हौंसले इसी तरह बुलंद रहेंगे और ये क्षेत्र में ऐसे ही निरंतर घृणित कार्य करते रहेंगे।
ब्यूरो वाराणसी
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