बदतमीजी की हदें पार कर दि कछवांरोड,चित्रसेनपुर, ठटरा(वाराणसी) यूनियन बैंक शाखा के कर्मचारी लोग,अच्छी नहीं है ATM और बैंकिंग सर्विस, आरबीआई का लगता है कोई कमांड नहीं यूनियन बैंक पर,बैंक के बिचारे ग्राहकों का कहना है कि जब भी हम लोग बैंक जाते हैं 3:00 बजे ही बैंक बंद कर दिया जाता है। बैंक धारकों से गेट पर खड़े हो 3:00 बजे के बाद टैक्स वसूली चालू होती है,अंदर किसी को नहीं लिया जाता है लेन-देन में यूनियन बैंक कर्मचारी बेहद लापरवाही करते हैं खाता खोलते समय आधार कार्ड लिंक नहीं कर रहे हैं,लिंक करने के लिए पैसा की मांग कर रहे हैं जिनसे ग्राहक बहुत परेशान हो रहा है,अधिकतर बैंक की प्रिंटिंग मशीन भी खराब ही रहती हैं या यह प्रिंट नही करते यह तो बैंक कर्मचारी जाने,बिचारा लाचार ग्राहक समय निकाल कर बैंक जाए तो बैंक वाले चक्कर कटवा डाले और सीधे मुंह बात तक नहीं करते यूनियन बैंक के कर्मचारी।उसी में कुछ दलाल घुसपेठ बना चुके है।कर्मचारी बाबू,कैशियर बाबू,मैनेजर सारे लोग,बैंक ग्राहकों को परेशान करने में लगे रहते हैं कोई किसी से बात नहीं करता ग्राहक बिचारा चिल्लाते चिल्लाते परेशान अगर इसी तरह होता रहा तो बैंक के काफी ग्राहक शाखा से मुंह मोड़ लेंगे वही क्षेत्रवासियों का कहना है कि ऐसे बैंक में जाने से क्या फायदा यहां के कर्मचारी बेहद हिंदुस्तान के सबसे बदतमीज ओं में नजर आते हैं।
आज भारत में बदलते समय के साथ हमारा आहार भी बदल रहा है। बाज़ार में कई प्रकार के व्यंजन एवं पेय पदार्थ हमें अपनी ओर आकर्षित करते हैं। चाहे बच्चे हो, युवा हो या वयस्क सब लोग भिन्न भिन्न प्रकार के व्यंजन का लुत्फ़ उठा रहे है पर सिर्फ़, जीभ के चलते हम अपने शरीर को अंदर से कितना खोखला कर रहे है। यह एक चिंतनीय विषय है। अगर वर्तमान समय में देखा जाये तो हमारे आस पास में अब पहले के तुलना में कई अधिक फ़ास्ट फ़ूड विक्रेता, फ़ूड स्टाल और रेस्तराँ खुल चुके है जहां हमें इटालियन से चाइनीज़ और मेक्सिकन से लेकर यूरोपियन ख़ान पान बहुत आराम से उपलब्ध हो जाता है और इन जगहों पर भीड़ हमे यह दर्शाता है की वाक़ई में अब हमारी ख़रीदने की क्षमता बहुत बढ़ चुकी हैं। बड़ी बड़ी पाश्चात्य कंपनियों का छोटे क़स्बो तक आउटलेट खुलना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। व्यापार के क्षेत्र में यह एक प्रशंसनीय पहल है पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह चिंतनीय है। आज आमजनों को कार्बोहाइड्रेट, मिनरल्स, फैट की जानकारी, या बिलकुल नहीं है या बहुत कम है, पर हमारे शरीर को इसकी जानकारी भरपूर है और अपने पाचनतंत्र के लिए वो इनकी भूमिका भी...
Comments
Post a Comment