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क्या आज के ब्राह्मण को बदलने की जरूरत है ?

1 जून को विश्व ब्राह्मण दिवस मनाएं
संपूर्ण ब्राह्मण समाज से भारत की ब्राह्मण संगठनों की अपील,कहा 1 जून को अपने पूर्वजों को स्मरण दिवस के पर्व को विश्व ब्राह्मण दिवस के रूप में धूम धाम से मनाएं।
कोरोना कर्फ्यू की वजह से कोई कार्यक्रम आयोजन ना करे।शाम में हवन पूजन के साथ सभी घरों की पूजा स्थलों व छतों पर दीपक जलाकर उत्सव को सफल बनाएं। 
भारत के सभी ब्राह्मण संगठनों ने कहा है कि इस तिथि पर ब्राह्मण समाज के लोग संध्या काल में पांच, सात या ग्यारह दीपक अपने-अपने घर में जलाकर अपने इष्ट पूर्वज तथा अपने आराध्य भगवान परशुराम जी का आह्वान कर आराधना करें


सनातन धर्म के नियमों का पालन करें।
 भारत का मुख्य आधार ही ब्राह्मणो से शुरू होता है। ब्राह्मण नरम व्यवहार के होते है। ब्राह्मण समय अनुसार अपने आप को बदलने में सक्षम होते है और आज इसी की जरूरत है।भारत की आज़ादी में भी इनका बहुत योगदान रहा है जो इतिहास में गढा गया है।आधुनिक भारत के निर्माण के विभिन्न क्षेत्रों जैसे साहित्य, विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी, राजनीति, संस्कृति, पाण्डित्य, धर्म में ब्राह्मणों का अपरिमित योगदान है। प्रमुख क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों मे बाल गंगाधर तिलक, चंद्रशेखर आजाद इत्यादि हैं। 

तिलक, जनेऊ और शिखा हमारी शान है।

            ब्राह्मण सर्वेजनासुखिनो भवन्तु,
                  एवं वसुधैव कुटुम्बकम 
                             अर्थात
       (ब्राह्मण सभी जन सुखी तथा समॄद्ध हों
             और सारी वसुधा एक परिवार है)
                      में विश्वास रखते हैं। 


 - ब्राह्मण
पत्रकार अरविंद उपाध्याय


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