Skip to main content

वीर सावरकर इतिहास में कट्टर राष्ट्र हिन्दुत्वादी व्यक्ति

स्वातंत्र्यवीर सावरकर की आज 28 मई 2021 को 138 वीं जयंती है।
सावरकर एक राष्ट्रवादी नेता थे इनका नाम विनायक दामोदर सावरकर था।यह ब्राह्मण परिवार में जन्मे व्यक्ति थे। इनका जन्म 28 मई 1883 ग्राम-भागुर,जिला-नासिक,बम्बई प्रेसीडेंसी में हुआ तब भारत ब्रिटिश भारत के नाम से जाना जाता था। इन्होंने अपनी इच्छा से 82 साल पर फरवरी 26,1966 बम्बई,भारत में स्वेक्षा से इच्छामृत्यु द्वारा देह त्याग दिया। उन्हें स्वातंत्र्यवीर या वीर सावरकर के नाम से सम्बोधित किया जाता था और वह वीर सावरकर के नाम से लोकप्रिय हुए।इन्होंने हिन्दू पहचान बनाने के लिए हिन्दुत्व शब्द गढ़ा। ये एक वकील, राजनीतिज्ञ, कवि, लेखक और नाटककार भी रहे। उन्होंने कई आन्दोलन चलाये- भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन, हिन्दुत्व आंदोलन एवं जो धर्म परिवर्तित हिन्दुओं के हिन्दू धर्म को वापस लौटाने हेतु सतत प्रयास किये एवं लगभग सफल भी रहे।
 सावरकर ने एक सशक्त वक्ता और लेखक बनकर, हिंदू राजनीतिक और सामाजिक एकता की वकालत की। हिंदू महासभा राजनीतिक दल के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए , सावरकर ने भारत के एक हिंदू राष्ट्र ( हिंदू राष्ट्र ) के विचार का समर्थन किया । उन्होंने देश को आजाद कराने और भविष्य में देश और हिंदुओं की रक्षा के लिए तभी से हिंदुओं का सैन्यीकरण शुरू किया। सावरकर कांग्रेस कार्यसमिति द्वारा लिए गए निर्णय के आलोचक थे1942 के वर्धा अधिवेशन में, एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें अंग्रेजों से कहा गया था: "भारत छोड़ो लेकिन अपनी सेना यहाँ रखो" जो भारत पर ब्रिटिश सैन्य शासन की पुनर्स्थापना थी, जिसे उन्होंने महसूस किया कि भारतवासियों के  भविष्य के लिए यह बहुत बुरा होगा। जुलाई 1942 में, जब उन्होंने हिंदू महासभा के अध्यक्ष के रूप में अपने कर्तव्यों को निभाने में अत्यधिक तनाव महसूस किया , और उन्हें कुछ आराम की आवश्यकता महसूस हुई,उन्होंने हिंदू महासभा के अध्यक्ष पद त्याग इस्तीफा दे दिया सन 1948 में, सावरकर को महात्मा गांधी की हत्या में सह-साजिशकर्ता के रूप में आरोपित किया गया था हालाँकि, उन्हें सबूतों के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया था।1998 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सत्ता में आने के बाद और फिर 2014 में केंद्र में मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के साथ सावरकर लोकप्रिय प्रवचन में फिर से उभरे।


               पत्रकार - अरविंद उपाध्याय।                  


हमसे जुड़े :-


Comments

Followers

Popular posts from this blog

आवेश में चली गोली,बेरंग हुई होली

वाराणसी!मिर्जामुराद थाना क्षेत्र कछवा रोड स्थित,ठटरा गांव में आज सोमवार(होली) की सुबह एक शख्स ने लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मार ली। घटना के बाद मौके पर कोहराम मच गया जिसके बाद गंभीर स्थिति में उसे आनन फानन में अस्पताल पहुंचाया गया।  ठटरा गांव निवासी शिव प्रकाश सिंह उर्फ (छुन्ना सिंह)(40) ने अपने लाइसेंसी पिस्टल को कनपटी पर सटाकर खुद को गोली मार ली। बताया जा रहा है कि सुबह होली का त्योहार मनाने के लिए घर से दोस्तों के साथ गांव में निकले। होली खेलने एवं लोगों से मुलाकात करने के दौरान ही बच्चों का फोन आया तो घर पहुंचे। इस दौरान वे दोनों बेटों से नोकझोंक के दौरान आवेश में आकर खुद को गोली मारी।शिव प्रकाश सिंह के पिता का कहना था की बेटा नशा में था जिस वजह से घटना हो गई तो वही क्षेत्र के लोगो का कहना था की शिव प्रकाश व उनके बेटों शुभम और सत्यम से गाय को लेकर कुछ पारिवारिक कहा सुनी हुई जिस वजह से शिव प्रकाश(छुन्ना) आग बबूला हो गए और आहत होकर उन्होंने अपनी लाइसेंसी पिस्टल निकाली और कनपटी पर सटाकर गोली मार ली। जिससे अति गंभीर रूप से घायल हो गए। मौके पर मौजूद बच्चों एवं घायल के पिता माता दयाल

पुलिस बूथ में लगा ताला, ड्यूटी का निकाल रहे दिवाला

कछवां रोड । वाराणसी के मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के कछवां रोड पुलिस बूथ में नहीं दिखते पुलिस कर्मी,दिखता सिर्फ ताला है?तीन जनपदों को जोड़ने वाला प्रमुख व व्यस्ततम यातायात वाला चौराहा कछवां रोड पुलिस बूथ पर दिखा लटकता चमचमाता ताला? आए दिन लगे जमा व चौराहे के अतिक्रमण से आने जाने वाले राहगीरों(नौकरी पेशा, व्यापारी, छात्र, स्वास्थ्य विभाग व अन्य) को परेशानी का सामना करना पड़ता है। यहां काफी संख्या में लोगो आते जाते रहते हैं इस मार्केट आवागमन व खरीदारी के लिए लोग दुरदराज से आते हैं। पुलिस बूथ होने के बाद भी पुलिस कर्मियों के गायब रहने के नाते लोगों में असुरक्षा की भावना रहती है। इस चौराहे से 200 मीटर निकट ही सब्जी मंडी है,दारू ठेका 500 मीटर पर ही है, कुछ दिन पहले यही बूथ सटे, बगल से ही बाइक चोरी हुई थी, व अक्सर शराबी नशे में लोगों से उलझ जाते हैं। आए दिन इस पुलिस चौकी के आसपास के गांव में चोरी की घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं, लेकिन पुलिस की लापरवाही के नाते पुलिस के प्रति विश्वास बहाल नहीं हो पा रहा है। क्षेत्र के लोगो ने पुलिस की दुरुस्त ड्यूटी, नियमित करने की मांग कर है। एस डी एम व अन्य अध

एक झटके में ग्रामीणों की दशकों पुरानी परंपरा हुई खत्म

मिर्ज़ामुराद में दशकों पुरानी परंपरा टूटीं, पारंपरिक स्थान पर नहीं विराज सके श्रीराम, लखन, हनुमान  पुलिस के फैसले से ग्रामीणों में नाराजगी-  मिर्ज़ामुराद। इस वर्ष विजयदशमी और दुर्गा पूजा के पावन अवसर पर मिर्ज़ामुराद के प्राचीन शिव मंदिर बंगलापर दशकों पुरानी परंपराओं पर अचानक विराम लग गया। राम, लक्ष्मण और हनुमान जी का पारंपरिक स्वरूप, जो हर वर्ष विजयदशमी के दिन बंगालचट्टी शिव मंदिर के नजदीक बने परम्परिक चबूतरे पर विराजमान होता था, इस बार अपने स्थान पर नहीं बैठाया जा सका। पुलिस के एक फैसले ने इस धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन को रोक दिया, जिससे स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश फैल गया है।  दुर्गा पूजा पंडाल विवाद से शुरू हुआ मामला-  प्राचीन शिव मंदिर के पास हर वर्ष दुर्गा पूजा का आयोजन होता था, जिसे लेकर क्षेत्र के लोग उत्साहित रहते थे। इस बार पूजा पंडाल लगाने के लिए दो पक्षो ने पुलिस से अनुमति मांगी, और यहीं से विवाद की शुरुआत हुई। पुलिस को यह बात आपत्तिजनक लगी कि एक ही पूजा पंडाल के लिए दो लोगों ने अनुमति मांगी। बिना किसी ठोस समाधान या ठोस बातचीत के, पुलिस ने इस स्थान को विवादित घोषित कर दिय